Dr APJ Abdul Kalam Hindi, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी |

Dr APJ Abdul Kalam Hindi 

भारत के रत्न डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ( Dr APJ Abdul Kalam Hindi ) जिनकी रोशनी उन लोगों का मार्गदर्शन करती हैं जो भारत को प्रगति के पथ पर आगे की ओर ले जाना चाहते हैं और उनकी भांति भारत को एक विकसित देश के रूप में देखना चाहते हैं, आईए जानते हैं डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन कथा के बारे में और उनसे कुछ सिखते हुए चलते हैं।

डॉ. कलाम भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति थे किंतु वे राजनितिज्ञ नहीं थे वे हमारे वैज्ञानिक राष्ट्रपति थे, जो भौतिक संपत्ति से सफलता को न माप कर भारत को ज्ञान की महाशक्ति के रुप में देखते थे और मानते थे कि भारत सभी राष्ट्रों में श्रेष्ठ है।वे हर स्तर के व्यक्ति से समान व्यवहार करते। केवल व्यस्क ही नहीं बच्चों की बातों को भी पूरा महत्त्व देते थे, डॉ. कलाम के चरित्र की सबसे बड़ी विशेषता यही थी कि वे एक बच्चे की भांति मासूम, युवा की उर्जा लिए एक परिपक्व व्यस्क थे। ( Dr APJ Abdul Kalam Hindi )

एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। उनका बचपन संघर्षों से भरा रहा है। कलाम साहब हमेशा सीखने की कला को महत्व देते थे। वह बचपन में अखबार बेचते थे, क्योंकि उनके परिवार के पास ज्यादा पैसे नहीं थे और न ही उनके पिता जैनुलाब्दीन ज्यादा पढ़े लिखे थे। कलाम साहब पांच भाई-बहन थे।

कलाम साहब ने पांच साल की उम्र में पढ़ना शुरू कर दिया था। उन्होंने रामेश्वरम से शुरुआती शिक्षा प्राप्त की। कलाम साहब को उड़ना पसंद था, जैसे खुले आसमान में चिड़ियां उड़ती हैं और उड़ते हुए चिड़ियां को देखकर ही कलाम साहब ने तय किया कि उन्हें विमान विज्ञान के क्षेत्र में जाना है। उनका चाहत पायलट बनने की थी, लेकिन ईश्वर ने उनके लिए कुछ और ही रच रखा था। ( Dr APJ Abdul Kalam Hindi )

एपीजे अब्दुल कलाम ने 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। स्नातक की पढ़ाई के बाद उन्होंने भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में प्रवेश लिया, जहां उन्होंने हावरक्राफ्ट परियोजना पर काम किया। इसके बाद वह 1962 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में आये, इसरो में कलाम साहब ने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी भूमिका निभाई।

डॉ कलाम का मानना था कि यदि हम एक गरीब और अक्षम राष्ट्र हैं तो अपने आध्यात्मिक ज्ञान और अभिव्यक्ति से इन समस्यायों का सामना कर सकते हैं और इसी विचारधारा को स्वयं अपनाते हुए यह आम सा व्यक्ति हमारे देश के रक्षा कार्यक्रम का नायक बन कर उभरा जिसने भविष्य दृष्टा के रुप में हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम की दिशा और दशा बदल दी । ( Dr APJ Abdul Kalam Hindi )

1 मार्च , 1998 को राष्ट्पति भवन में भारत रत्न के पुरस्कार वितरण समारोह में कलाम नर्वस थे और अपनी नीली धारी की टाई को बार बार छू कर देख रहे थे.कलाम को इस तरह के औपचारिक मौकों से चिढ़ थी जहाँ उन्हें उस तरह के कपड़े पहनने पड़ते थे जिसमें वो अपनेआप को कभी सहज नहीं पाते थे. सूट पहनना उन्हें कभी रास नहीं आया. यहाँ तक कि वो चमड़े के जूतों की जगह हमेशा स्पोर्ट्स शू पहनना ही पसंद करते थे. ( Dr APJ Abdul Kalam Hindi )

दिल का दौरा और अब्दुल कलाम का निधन जैसा कि हम जानते हैं कि पृथ्वी पर जन्म लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति को एक न एक दिन मरना ही होता है। लेकिन कुछ लोग देश के लिए अपने योगदान के कारण लाखों लोगों के दिलों में अमर हैं। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक ऐसे व्यक्तित्व ही व्यक्ति थे, जिनका 83 वर्ष की आयु में निधन हो गया। यह पूरे देश के लिए खासतौर पर युवाओं के लिए एक बेहद दर्दनाक समय था, क्योंकि हर वर्ग के लोगों को प्रेरित करने वाले एक महान व्यक्ति दुनिया छोड़ गये। आपको बता दें कि अब्दुल कलाम आईआईएम शिलांग में एक कार्यक्रम में युवाओं के लिए भाषण दे रहे थें। इस दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वे गिर पड़े। हालांकि उन्हें शिलांग के सबसे अच्छे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं पाए।

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